Lalita Pawar: दुखों से भरी रही ‘मंथरा’ की जिंदगी, अंत समय में कोई पानी देने वाला भी नहीं था

Lalita Pawar Death Anniversary: शायद आज के दौर के नवयुवक ललिता पवार की फिल्मों के बारे में अधिक ना जानते हो लेकिन उन्हें रामानंद सागर जी की बनाई गई रामायण सीरियल में ‘मंथरा’ का किरदार जरूर याद होगा जिसे ललिता पवार नहीं निभाया था। 

ललिता पवार का जन्म 18 अप्रैल 1916 में हुआ था एवं उनकी मृत्यु 24 फरवरी 1998 में हुई आज ललिता पवार की डेथ एनिवर्सरी है इसलिए चलिए कुछ विशेष बातें इनकी जिंदगी से जुड़े जानते हैं। 

Lalita Pawar ने अपनी जिंदगी में 700 से भी अधिक फिल्मों में किया काम

ललिता पवार अपने समय की काफी प्रसिद्ध अभिनेत्री थी उन्होंने 700 से भी अधिक फिल्मों में कार्य किया। ललिता पवार हमेशा नेगेटिव रोल करने के लिए प्रसिद्ध थी। 

ललिता पवार अक्सर फिल्मों में सख्त मां एवं स्वास्थ्य का किरदार निभाया करते थे वह अधिकतर इन के किरदार नकारात्मक होते थे इसलिए उस समय बॉलीवुड में जब भी किसी सख्त मां और सास की बात होती थी तब उस समय ललिता पवार का जिक्र ही होता था। 

लेकिन नेगेटिव रोल करने के बावजूद ललिता पवार ने इतनी प्रसिद्धि पाई थी कि उस दौर के दर्शक ललिता पवार को उनकी अभिनय के लिए काफी सराहा थे थे और उनकी अभिनय को काफी पसंद करते थे। 

छोटी उम्र से ही कर दी थी फ़िल्मी करिएर की सुरुवात

ललिता पवार के पिता एक बिजनेसमैन थे और ललिता पवार ने 7 वर्ष की उम्र में ही फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। ललिता पवार ने सबसे पहले 1928 में बिना कुछ बोले जाने वाली फिल्म अर्थात मुख फिल्मों में अभिनय से शुरुआत किया। ललिता पवार ने 1928 में मूक फिल्म राजा हरिशचंद्र से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। 

वर्ष 1934 में ललिता पवार ने पहली बोलने वाली फिल्म की थी और इस समय तक ललिता पवार बॉलीवुड की एक जानी-मानी अभिनेत्री बन चुकी थी। 

ललिता पवार ने अपने फिल्मी करियर के दौरान 700 से भी अधिक फिल्में एवं कई टीवी सीरियल में काम किया है।

ललिता पवार का सबसे प्रसिद्ध किरदार रामानंद सागर जी की रामायण में मंत्रा का किरदार है। ललिता पवार ने अपने दमदार अभिनय के कारण मंत्रा के किरदार में जान डाल दी थी इसलिए आज भी जब रामायण देखी जाती है तब मंत्रा का किरदार के लिए ललिता पवार की अभिनय को सराहा जाता है। 

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1 साल में 12 फिल्में किया करती थी ललिता पवार

ललिता पवार अपने समय में अधिकतर नेगेटिव किरदार ही निभाती थी लेकिन वह इतनी प्रसिद्ध अभिनेत्री थी कि उन्हें फिल्मी जगत में हर कोई उन्हें अपने फिल्मों में काम करने के लिए बुलाते थे इसलिए वह 1 साल में 12 फिल्में किया करते थी। 

ललिता पवार ने अपने जवानी के समय में कई बड़े एवं छोटे अभिनेताओं के साथ कई बड़े एवं छोटे फिल्मों में कार्य किया है उन्होंने अपने जीवन काल में 700 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है एवं कई टीवी सीरियल में कार्य किए हैं। 

एक थप्पड़ के कारन बदल गयी Lalita Pawar की जिंदगी

ललिता पवार अपने दौर में हमेशा ही मुख्य किरदार के रूप में फिल्में किया करती थी और अधिकतर नकारात्मक किरदार करने के बावजूद भी उन्हें फिल्म जगत में काफी प्रसिद्धि मिली थी और दर्शक उन्हें काफी पसंद किया करते थे लेकिन एक हादसे ने उनकी जिंदगी का रुख बदल दिया। 

दरअसल बात है वर्ष 1942 की जब ललिता पवार फिल्म जंगे आजादी की शूटिंग कर रहे थे जिसमें उस दौर के काफी प्रसिद्ध अभिनेता माने जाने वाले भगवान दादा के द्वारा ललिता पवार को थप्पड़ मारा जाना था। 

जंगे आजादी में भगवान दादा के द्वारा संती शूटिंग में ललिता पवार को इतना तेज थप्पड़ मार दिया गया कि उन्हें तुरंत ही अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। अस्पताल में लापरवाही के कारण ललिता पवार की हालत काफी खराब हो गई और एक समय के बाद उनका शरीर का आधा हिस्सा ही बंद पड़ गया था। इस हादसे के बाद ललिता पवार कई वर्षों तक फिल्मी जगत में काम की लेकिन इस हादसा के बाद वह अधिकतर फिल्मों में सपोर्टिव एक्टर के तौर पर कार्य करती थी। 

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दुखों से भरा रहा व्यावाहिक जीवन

ललिता पवार को जब शूटिंग के दौरान मुह पर 30 थप्पड़ लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया तब उसके बाद उनके शरीर का आधा हिस्सा ही काम करना बंद कर दिया। कुछ समय बाद हालत खराब होने के कारण उनके मुंह में भी कैंसर हो गया जिसके बाद उनका जिंदगी काफी दुखों से गुजरने लगा। 

ललिता पवार की जिंदगी मैं काफी हादसे हुए हालांकि उन्होंने अपनी जिंदगी में कई बुलंदियों को छुआ लेकिन जीवन के कई मोड़ पर उन्हें कई तरह के दोहों का सामना करना पड़ा। 

ललिता पवार का वैवाहिक जीवन भी खुशियों से नहीं बेटा क्योंकि ललिता पवार के पति ने उनकी खुद की सगी छोटी बहन को उनका सौतन बना लिया उनके पति के द्वारा दूसरी शादी के बाद ललिता पवार अकेले ही रहने लगी और अकेले ही अपना जीवन व्यतीत करने लगी। 

अंत समय में कोई करीबी नहीं था ललिता पवार के पास

रिपोर्ट के मुताबिक ललिता पवार की मृत्यु 24 फरवरी 1998 में हुई थी। बताया जाता है कि उनके जिंदगी का आखरी समय बेहद खराब रहा था क्योंकि उनकी मृत्यु के समय में कोई भी रिश्तेदार उनके पास नहीं थे। 

अंत समय में ललिता पवार अपने पुणे में स्थित बंगले में रहा करते थे और इसी बंगले में ललिता पवार ने अपनी अंतिम सांस लें और 24 फरवरी 1998 को इस संसार को अलविदा कह दिया.

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