Mrs. Chatterjee Vs Norway full movie story: सच्ची घटना पर आधारित इस भारतीय कपल के ऊपर बनायीं गयी है रानी मुखर्जी की ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ फिल्म

Mrs. Chatterjee Vs Norway Based on real story: हाल ही में 23 फरवरी 2023 को रिलीज हुई एक फिल्म की ट्रेलर ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ काफी चर्चा में आ रही है। इस फिल्म में अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने मुख्य किरदार का रोल अदा किया है।

फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है इसी कारण लोग इस फिल्म के ट्रेलर को और भी ज्यादा सकारात्मक रिव्यु दे रहे हैं। दरअसल ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ फिल्म भारतीय कपल सागरिका (Sagarika Bhattacharya) एवं अनुरूप भट्टाचार्य के असल जिंदगी के घटना के उपर आधारित है। 

Mrs. Chatterjee Vs Norway में अभिनेत्री रानी मुखर्जी कई वर्षों के बाद नजर आने वाले हैं अर्थात रानी मुखर्जी की आखरी फिल्म वर्ष 2021 में आई थी इसके बाद एक भी फिल्म रानी मुखर्जी की बड़े पर्दे पर देखने को नहीं मिली। 

रानी मुखर्जी की अगली आने वाली फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है और फिल्म के ट्रेलर को 23 फरवरी 2023 को रिलीज किया गया जिसको देखकर दर्शक बहुत ज्यादा सकारात्मक रिव्यु दे रहे हैं। 

‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ ट्रेलर Released

फिल्म का ट्रेलर 23 फरवरी 2023 को रिलीज हुआ। इस ट्रेलर में भारतीय कपल अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य के जीवन में घटित घटना के ऊपर फिल्माया गया है|

फिल्मे के ट्रेलर को दर्शक काफी सकारात्मक रिव्यु दे रहे है और ट्रेलर को लोग काफी पसंद कर रहे है|

Mrs. Chatterjee Vs Norway full movie real story – Mrs Chatterjee Vs Norway Wikipedia

सागरिका भट्टाचार्य और अनुरूप भट्टाचार्य यह दोनों भारत के मूल निवासी हैं जो वर्ष 2011 में नॉर्वे देश में अपने दो छोटे बच्चों के साथ कह रहे थे। 

सागरिका और अनुरूप दोनों के दो बच्चे होते है, एक का नाम ऐश्वर्या (1 साल उम्र) और अभिज्ञान (3 साल उम्र) था। जब सागरिका और अनुरूप के बच्चे 1 वर्ष और 3 वर्ष के थे तभी CWS (Norwegian Child Welfare Services)  के द्वारा उनके बच्चों को उनसे छीन कर फोस्टर केयर में रख दिया जाता है। 

Mrs Chatterjee Vs Norway Wikipedia
Mrs Chatterjee Vs Norway Wikipedia

फोस्टर केयर उस परवरिश को कहते हैं जब किसी देश के संस्कारी संस्था को किसी परिवार के बारे में ऐसा लगता है कि वह परिवार अपने नवजात बच्चों को ठीक तरह से पालने में असमर्थ है। या ऐसी स्थिति में नहीं है कि वह अपने बच्चों को पाल नहीं सकते, 

ऐसे में वह संस्था उस परिवार से उनके बच्चे को फॉस्टर केयर में डाल देते हैं जिसके वजह से उस परिवार के बच्चों को उनके माता-पिता से बच्चे के 18 वर्ष की उम्र हो जाने से पहले मिलने नहीं दिया जाता, बच्चों के 18 वर्ष उम्र होने तक वह संस्था ही उनके बच्चों को पालती है।

सागरिका भट्टाचार्य के दोनों बच्चों को CWS संस्था ने जबरन उनसे छीन लिया और फोस्टर केयर के लिए ले गए ऐसे में सागरिका भट्टाचार्य ने अपने बच्चों को वापस पाने के लिए नॉर्वे के सरकार से कानूनन लड़ाई लड़ी और 8 महीनों के लगातार कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद उन्हें उनके दोनों बच्चे वापस सौंप दिए गए। 

यह घटना वर्ष 2011 की है उस समय यह घटना काफी ज्यादा चर्चे में आई थी। नॉर्वे के साथ-साथ भारत में भी सागरिका भट्टाचार्य के समर्थन में जुलूस निकलने लगे जिससे कि सागरिका को उनके बच्चे नॉर्वे की सरकार वापस कर दें। 

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सागरिका भट्टाचार्य की असल जिंदगी पर आधारित – Sagarika Bhattacharya Norway Real Story

सागरिकाभट्टाचार्य और अनुरूप भट्टाचार्य यह दोनों पति पत्नी हैं जो भारत के मूल निवासी है। वर्ष 2011 की यह घटना है जब इन दोनों पति पत्नियों के दो बच्चे ऐश्वर्या और अभिज्ञान को CWS (Norwegian Child Welfare Services) फोस्टर केयर के लिए उनसे जबरन छीन लिया था। 

उस समय नॉर्वे देश में यह संस्था ऐसे परिवारों को ढूंढती थी जो अपने बच्चों को उच्च कोटि की परवरिश देने में असमर्थ हैं उनसे यह संस्था उनके बच्चों को लेकर फोस्टर केयर में डाल देते थे जिससे वह बच्चे जब तक कि 18 वर्ष के ना हो जाए तब तक अपने माता-पिता से नहीं मिल सकते। 

सागरिका भट्टाचार्य से उनके बच्चे जबरन इस बात के आधार पर CWS (Norwegian Child Welfare Services) के द्वारा छीन लिया गया था क्योंकि उन्हें लग रहा था की सागरिका अपने बच्चों को जिस भारतीय संस्कृति के अनुसार पालन पोषण कर रही हैं वह बच्चों के लिए सही नहीं है।

हालांकि 8 महीनों के लगातार कानूनी लड़ाई के बाद सागरिका भट्टाचार्य को उनके दोनों बच्चे नॉर्वे सरकार के द्वारा वापस कर दिए गए। 

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